खामोशी भरी आँखें है, ख़ामोशी भरें उठे है कदम… तनहा शायर हूँ खामोशी भरी आँखें है, ख़ामोशी भरें उठे है कदम… तनहा शायर हूँ
अब रोता क्यों है... तनहा शायर हूँ अब रोता क्यों है... तनहा शायर हूँ
आज तू मयस्सर नहीं मेरे रूबरू तनहा शायर हूँ आज तू मयस्सर नहीं मेरे रूबरू तनहा शायर हूँ
ये जो रास्तों की मुश्किलें हैं, बाजार के भाव की अटकलें हैं... ये जो रास्तों की मुश्किलें हैं, बाजार के भाव की अटकलें हैं...